चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह 2 मई को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक का पूरा विवरण प्रस्तुत करे। इस बैठक में भाखड़ा नांगल बांध से हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश ग्राम पंचायत मताना द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के संचालन में केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की गई थी।
पृष्ठभूमि और विवाद
भाखड़ा नांगल बांध हाल के दिनों में विवाद का केंद्र तब बना, जब यह आरोप लगाया गया कि पंजाब पुलिस ने BBMB अधिकारियों को हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में पानी छोड़ने से रोक दिया। इससे पहले उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से पंजाब सरकार और उसके अधिकारियों को BBMB के कार्यों में हस्तक्षेप से रोका था।
अदालत ने मंगलवार को दिए आदेश में कहा था:
“पंजाब राज्य और उसके किसी भी अधिकारी को BBMB द्वारा प्रबंधित भाखड़ा नांगल बांध और संबंधित जल नियंत्रण कार्यालयों के कार्य में हस्तक्षेप करने से रोका जाता है।”
साथ ही, अदालत ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह हरियाणा और राजस्थान की आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने हेतु अतिरिक्त 4,500 क्यूसेक पानी छोड़ने के निर्णय का पालन करे।
अदालत के समक्ष प्रस्तुतियाँ
BBMB के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद, पंजाब पुलिस ने अधिकारियों को पानी छोड़ने से रोका। उन्होंने बताया कि उन्हें एक भीड़ ने घेर लिया था, हालांकि बाद में पंजाब पुलिस ने उन्हें बचाया।
उन्होंने कहा:
“हम इस गंभीर मामले पर अलग से एफआईआर दर्ज कराएंगे।”
केंद्र सरकार से मांगी गई जानकारी
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन को निर्देश दिया गया कि वे 2 मई की बैठक के प्रासंगिक विवरण अदालत के समक्ष रखें। साथ ही, न्यायालय ने केंद्र सरकार से यह भी जानकारी मांगी कि BBMB के निर्णयों से असहमति रखने वाले पक्षों के प्रतिनिधित्व के लिए कौन सक्षम प्राधिकारी नामित किया गया है।
मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार दोपहर को होगी।
प्रतिनिधित्व:
- ग्राम पंचायत मताना: अधिवक्ता आर. कार्तिकेय, आर. आकांक्षा और कार्तिक पाटिया
- BBMB: वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश गर्ग व अधिवक्ता नेहा मथारो
- पंजाब सरकार: वरिष्ठ अधिवक्ता गुरमिंदर सिंह व एएजी मनिंदर सिंह
- हरियाणा सरकार: महाधिवक्ता प्रविंद्र सिंह चौहान व एएजी दीपक बालियान
- भारत सरकार: एएसजी सत्य पाल जैन व वरिष्ठ पैनल वकील धीरज जैन